आखिर अर्जुन के पुत्र ने ही क्यों किया अर्जुन का वध?
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Dec 22,2024
अर्जुन का वध बभ्रुवाहन ने किया था। जो अर्जुन और उनकी पत्नी चित्रांगदा के पुत्र थे।
चित्रांगदा मणिपुर की राजकुमारी थीं, और अर्जुन ने अपने तीर्थयात्रा के दौरान उनसे विवाह किया था। बभ्रुवाहन मणिपुर के राजा बने और अपनी माता के साथ वहीं रहे।
अश्वमेध यज्ञ के दौरान अर्जुन अपने यज्ञ अश्व के साथ मणिपुर पहुंचे। अश्वमेध यज्ञ में जो भी राजा अश्व को रोकता था, उसे युद्ध करना पड़ता था। तो बभ्रुवाहन ने अश्व को रोका और अर्जुन से युद्ध किया।
इस युद्ध में बभ्रुवाहन ने अपने पिता का वध किया। वध करने के पश्चात् उन्हें गहरा पछ्तावा हुआ।
बभ्रुवाहन ने अपनी सौतेली माँ उलूपी जो एक नागकन्या थीं उसकी मदद से संजीवनी मणि के द्वारा अपने पिता अर्जुन को पुर्नजीवित किया।
अर्जुन को माँ गंगा के द्वारा श्राप मिला था कि उनका वध उनके पुत्र के द्वारा ही होगा।
भीष्म को अर्जुन के दारा बाणों की शैय्या पर लेटा दिया गया था। जिससे अपने पुत्र की यह दुर्गति देख उनकी माता गंगा को बहुत क्रोध आया।उन्होंने अर्जुन को श्राप दे दिया कि उसकी मौत उसके अपने ही पुत्र के हाथों होगी।
इस श्राप को अर्जुन सत्य करने के लिए अपने पुत्र के हाथो अपनी मृत्यु को स्वीकार किया था।मृत्यु के बाद गंगा का श्राप सत्य हुआ और अर्जुन भी पुर्नजीवित हो गया।
डिस्क्लेमरः ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए joshkhabar.com उत्तरदायी नहीं है
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