सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? भारत में सरकारी नौकरी को अत्यधिक महत्व देने के कई सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारण हैं। यह प्रवृत्ति कई पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी जारी है। सरकारी नौकरियों को स्थिरता, प्रतिष्ठा और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। आइए जानते हैं कि इसके मुख्य कारण क्या हैं:
सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा
- सरकार के द्वारा दी जाने वाली सरकारी नौकरियों में कई आर्थिक सुरक्षा मजुध होती है, और यह एक प्रकार से सुनिश्चित रहता है कि ये कठिन से कठिन प्रस्थिति व समय में भी नियमित वेतन मिलेगा जिससे हमारी परेशानी कम होगी। भारत जैसे कई देश में, जहाँ असंगठित,कम विकसित क्षेत्र और निजी(pvt) नौकरियाँ किसी भी कंपनी में अक्सर अस्थिर(Temporary) हो सकती हैं, इसलिए सरकारी नौकरी का यह पहलू लोगों को काफी आकर्षित(Atrract) करता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा
- इस देश में अधिक लंबे समय से सरकारी नौकरी को सम्मान का जरिया और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना गया है। सरकारी नौकरी में काम करने वालों लोगों को समाज में एक विशेष प्रकार दर्जा मिलता है, और कई लोग सरकारी नौकरी को व्यक्तिगत सम्मान और पहचान का रूप मानते हैं।
- यदि कोई परिवारों में सरकारी नौकरी का होना एक गर्व की बात मानी जाती है, और इससे शादी के अधिक प्रस्तावों मिलते है और शादी की अवसर में भी प्राथमिकता मिलती है।
नौकरी में स्थायित्व
- इस समय सरकारी नौकरियाँ का स्तर निजी नौकरियों के स्तर के मुकाबले काफी हद तक अधिक स्थायी होती हैं, क्योंकि सरकारी कर्मचारी को नौकरी से निकलाने के लिए किसी ठोस कारण व पुख्ता सबूत का होना जरुरी होता है इसके बिना नौकरी से निकाला नहीं जा सकता।
- सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? किसी भी गंभीर और कठिन से कठिन प्रस्थिति के समय में भी, सरकारी कर्मचारी की नौकरी पर कोई आसंका नहीं आती ये सुरक्षित रहती है, जो कि निजी क्षेत्र में काफी कम देखने को मिलता है ।
पेंशन और अन्य लाभ
- सरकारी नौकरियों में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसी सुविधा सरकारी नौकरियों का मुख्य आकर्षण होती है। हालांकि अब कई निजी कंपनियाँ भी पेंशन और PF की सुविधा देने लगी हैं, लेकिन फिर भी सरकारी नौकरियों में रिटायर के पश्चात् मिलने वाली पेंशन और अधिक अन्य सुविधाओं का होना इसकी आकर्षण को आज भी बरकरार रखता है।
- इसके अलावा अन्य लाभ जैसे कि मेडिकल लाभ(Medical allowance), हाउस रेंट अलाउंस (Rent Allowence), ट्रांसपोर्ट अलाउंस(T.Allowence) आदि सुविधाएँ भी इसमें शामिल हैं।
सरकारी नौकरी की तैयारी की पारिवारिक परंपरा
- अक्सर कई परिवारों में यह एक परंपरा है कि परिवार के सदस्य सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें। सरकारी नौकरी के प्रति इस मानसिकता को लेकर अक्सर छात्रो और परिवारों में इनका महत्त्व और ऊपर चले गया है ।
आर्थिक सुरक्षा और लाभ
- सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? सरकारी(govt) नौकरियों में अच्छे खासे वेतन के साथ-साथ अन्य कई आर्थिक लाभ भी होते हैं, जैसे महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, पेंशन, और मेंग्च्युटी। इन से लोगों को एक स्थिर आर्थिक लाभ की उम्मीद भविष्य में होती है, जो किसी भी निजी नौकरियों में अक्सर ना के बराबर होती है।
पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स
- पहले सरकारी नौकरी के साथ पेंशन की सुविधा मिलती थी, जो रिटायरमेंट के बाद भी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती थी। हालांकि अब कुछ बदलाव आए हैं, लेकिन सरकारी नौकरी की सेवाओं में रिटायरमेंट होने के पश्चात् अन्य बेनिफिट्स आज भी कई क्षेत्रों व सेवाओ में मौजूद हैं, जिससे वृद्धावस्था आने पर भी आपकोआर्थिक सहयता मिलती रहती है।
परिवार और समाज की मानसिकता
- पारंपरिक रूप से भारतीय परिवारों में यह धारणा रही है कि सरकारी नौकरी सुरक्षित और प्रतिष्ठित होती है। परिवार और समाज में सरकारी नौकरी पाने को जीवन में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है। कई बार परिवार भी अपने बच्चों को सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए प्रेरित करते हैं।
गाँवों और छोटे शहरों में इसका मानसिक प्रभाव
- छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी नौकरी आज भी आर्थिक और सामाजिक स्थिरता का सबसे बड़ा स्रोत मानी जाती है। यहाँ के लोग सरकारी नौकरी को ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के निजी(private) संस्थान में अभी तक उतना अधिक विकास नहीं हो पाया है जितना शहर के अधिक क्षेत्रों में हो चुका है।
स्वतंत्रता और काम का माहौल
- सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? सरकारी नौकरी में, आमतौर पर कार्यस्थल पर निजी क्षेत्र के मुकाबले स्वतंत्रता और काम का कम दबाव होता है। कार्य का एक निश्चित समय होता है, और इससे जीवन में संतुलन बना रहता है। सरकारी नौकरियों में कार्य का दबाव निजी क्षेत्र के मुकाबले अक्सर कम होता है, जो लोगों के लिए एक आकर्षण का कारण है।
संवेदनशील क्षेत्रों में सरकारी नौकरी का महत्व
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र का अधिक विस्तार नहीं है। यहां सरकारी नौकरियाँ मुख्य रोजगार का स्रोत हैं, जो आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। इन क्षेत्रों में सरकारी नौकरी का पाने की जिज्ञासा और महत्व अधिक हो जाता है।
देश की आर्थिक संरचना
- भारत एक विकासशील देश है, जहाँ बेरोजगारी की समस्या बड़े पैमाने पे है। सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर अपेक्षाकृत अधिक होते हैं और इनका मानकीकरण होता है।इसलिए लोग सरकारी नौकरी को सुरक्षित के नजरिये से भी देखते है क्यूंकि private सेक्टर में अभी भी अवसर अधिक नहीं है ।
निष्कर्ष
सरकारी नौकरी के प्रति यह आकर्षण कई पीढ़ियों से भारत में मौजूद है। इन सभी कारणों से भारत में सरकारी नौकरी को विशेष महत्व दिया जाता है। सरकारी नौकरी की यह मानसिकता धीरे-धीरे बदल रही है, इसे केवल आर्थिक कारणों से नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक कारणों से भी देखा जा सकता है।
सरकारी नौकरी का क्यों बढ़ गया है इतना क्रेज? इसके लिए लाखों लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, और इस प्रतिस्पर्धा को पार करने का संघर्ष करते हैं। हालांकि, समय के साथ निजी क्षेत्र में भी सुधार हो रहा है और लोग अब प्राइवेट क्षेत्र की ओर भी नौकरियों के लिए आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकारी नौकरी की प्रतिष्ठा और महत्वता पर कोई भी आंच नहीं आई है ये आज भी बरकरार है।