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भारत की जीडीपी Q2 FY25 एक विश्लेषण

भारत की जीडीपी Q2 FY25 एक विश्लेषण

भारत की जीडीपी Q2 FY25 एक विश्लेषण भारत की अर्थव्यवस्था, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाती है, हाल के वर्षों में कई उतार-चढ़ाव का सामना कर रही है। इस लेख में हम भारत की जीडीपी वृद्धि दर, इसके वर्तमान आंकड़े, और पिछले कुछ वर्षों में इसके विकास के रुझान पर चर्चा करेंगे।

भारत की जीडीपी Q2 FY25 एक विश्लेषण भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2024

अडानी ग्रुप वर्तमान आरोप और भविष्य का विश्लेषण

भारतीय अर्थव्यवस्था रेटिंग 2024 in Hindi

आज ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 5.4% रही, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 8.1% थी

यह आंकड़ा पिछले सात तिमाहियों में सबसे कम है और यह आर्थिक मंदी के संकेत देता है।

वर्तमान जीडीपी दर

2024 में भारत की जीडीपी लगभग ₹76.60 लाख करोड़ (नॉमिनल जीडीपी) होने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 8% की वृद्धि दर्शाता है

भारत की जीडीपी आज क्या है?

आज भारत की जीडीपी दर 5.4% है, जो कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए है। यह गिरावट मुख्य रूप से शहरी उपभोग में कमी, खाद्य महंगाई और बढ़ते उधारी खर्चों के कारण हुई है

कौन सा देश सबसे तेजी से बढ़ती जीडीपी रखता है?

भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था मानी जाती है। हालांकि, कुछ छोटे देशों में भी तेज वृद्धि दर देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों ने भी अपनी अर्थव्यवस्थाओं में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है

भारत की जीडीपी कब सबसे अधिक थी?

भारत की जीडीपी पिछले दशक में कई बार उच्चतम स्तर पर पहुंची है। विशेष रूप से, वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत ने 8.7% की वृद्धि दर दर्ज की थी, जो कि महामारी के बाद का एक महत्वपूर्ण पुनरुद्धार था

पिछले 10 वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि दर

पिछले दस वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं:

भारत की जीडीपी Q2 FY25 एक विश्लेषण

इस प्रकार, पिछले दस वर्षों में भारत ने विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें कोविड-19 महामारी का प्रभाव सबसे गंभीर था

निष्कर्ष

भारत की जीडीपी वृद्धि दर वर्तमान समय में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। हालांकि, सरकार द्वारा उठाए गए कदम और ग्रामीण उपभोग में सुधार के संकेतों के साथ, भविष्य में आर्थिक सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं।

आने वाले महीनों में यदि उपभोक्ता खर्च और सरकारी निवेश बढ़ता है, तो भारत फिर से अपनी विकास दर को ऊँचा उठाने में सक्षम हो सकता है।इस प्रकार, भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य अब भी सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है, लेकिन इसके लिए सतत नीतियों और आर्थिक सुधारों की आवश्यकता होगी।

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